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गजल

विश्वास गर मेरी प्रिया   खोट छैन मसंग /  गरिब छु लगाउने        कोट  छैन मसंग // दिन्छु माया अजम्बरी सम्हालेर राख्छौ भने /  हिरा मोति महल किन्न    नोट छैन  मसंग// धरोधर्म तिम्रै हो जुनी        जुनी  मेरो माया / दिन तिम्लाई आघात अनि चोट छैन मसंग // खाली  खाली   रित्तो छु   त्यसै त्यसै उदांगो / छहारी नखोज    दिनलाई बोट छैन  मसंग  // अमृत भान्जाभाइ  रंगपुर ५ रौतहट  २०६८/११/४